कोर्ट के आदेश के परिपालन को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग से पत्र जारी हुआ है। इसके अनुसार बीएड डिग्रीधारी करीब 2900 सहायक शिक्षकों की नौकरी जाएगी, उन्हें हटाने की तैयारी शुरू हाे गई है। इससे इनके परिवारों के सामने बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। अब यह सवाल उठ रहे हैं कि बीएड डिग्रीधारियों को इस मुसीबत बचाने के लिए क्या-क्या विकल्प हैं। इसे लेकर भास्कर ने पड़ताल की। इसमें यह बात सामने आई कि सरकार चाहे तो इन्हें सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के रूप में कर एडजस्ट सकती है। क्योंकि, इसमें न्यूनतम योग्यता बारहवीं है। बीएड-डीएलएड की जरूरत नहीं है। वेतनमान भी समान है और इसके प्रदेश में करीब चार हजार से अधिक पद खाली है। पड़ताल में यह भी बात सामने आई कि इस मामले में बीएड डिग्रीधारियों के पास लीगल रास्ते बंद हो चुके हैं। जहां पद खाली वहां करें समायोजित वरिष्ठ रिटायर्ड आईएएस ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद सरकार के सामने यह समस्या है कि वे सहायक शिक्षक के पद पर बीएड वालों को नहीं रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर स्कूल शिक्षा विभाग से जब वैकेंसी निकली थी, तब इसमें शैक्षणिक योग्यता बीएड या डीएलएड मांगी गई थी। व्यापमं से परीक्षा हुई। इसके आधार पर वे चयनित हुए। तो इसमें बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों की गलती नहीं है। ऐसी स्थिति में बीएड वालों को भी शिक्षा विभाग में कहीं समायोजित किया जाना चाहिए। सरकारी नौकरी छोड़कर सहायक शिक्षक बने थे : जानकारी के मुताबिक कई ऐसे बीएड डिग्रीधारी जिनकी नौकरी वर्ग-2 यानी मिडिल स्कूल के शिक्षक के लिए लगी थी, लेकिन इन्होंने वर्ग-3 यानी सहायक शिक्षक का चयन किया। क्यांेकि वे घर के पास रहकर नौकरी करना चाहते थे। इसी तरह कुछ युवाओं ने रेलवे व कुछ ने अन्य सरकारी नौकरी भी छोड़ी। अब सहायक शिक्षक की नौकरी जाने का खतरा मंडराने से वे तनाव में है, अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। सोमवार, 30 दिसंबर को छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र भेजा गया। इसमें हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश जारी किया गया है। इसे लेकर माना जा रहा है कि कुछ दिनांे मंे इन्हें सहायक शिक्षक के पद से हटाने के आदेश जारी हो सकते हैं। जानिए क्या है पूरा मामला… बस्तर व सरगुजा संभाग में 6285 पदों पर सहायक शिक्षक भर्ती के लिए 4 मई 2023 को नोटिफिकेशन जारी हुआ। इसमें शैक्षणिक योग्यता बीएड व डीएलएड दोनांे थी। जून 2023 में व्यापमं से भर्ती परीक्षा आयोजित की गई। जुलाई 2023 को रिजल्ट आया। इस बीच अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आया, इसमें शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते एनसीटीई 2018 के गजट रद्द किया। इस निर्णय के आधार डीएलएड के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट बिलासपुर में मामला दायर किया। रिजल्ट के आधार पर भर्ती के लिए स्कूल शिक्षा विभाग दस्तावेज सत्यापन व काउंसिलिंग शुरू की गई। हाईकोर्ट में मामला जाने के बाद बीएड वालों को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। इसके बाद बीएड वाले सुप्रीम कोर्ट गए। वहां से अंतरिम राहत मिली, सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में यह भी उल्लेख किया कि यह भर्ती हाईकोर्ट के फैसले के अधीन रहेगी। इसके बाद बीएड के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई और करीब 2900 को नियुक्ति दी गई। इसके आधार पर इन्होंने कई महीने नौकरी की। फिर अप्रैल 2024 में हाईकोर्ट बिलासपुर का फैसला आया और बीएड के अभ्यर्थियों की जगह डीएलएड के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की बात कही गई। इस निर्णय को लेकर मामला फिर सुप्रीम कोर्ट गया। 28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। इसके बाद डीएलएड के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट बिलासपुर में अवमानना का केस दायर किया। इसकी सुनवाई 10 दिसंबर 2024 को हुई। इसमें दो सप्ताह के भीतर निर्देश का पालन करने का आदेश दिया गया। साथ ही सुनवाई की अगली तारीख 14 जनवरी 2025 दी गई। इससे पहले बीएड डिग्रीधारियों को सहायक शिक्षक के पद से हटाने की तैयारी चल रही है। बीएड वालों के पास अब कानूनी अधिकार नहीं छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट, अधिवक्ता सुनील ओटवानी का कहना है कि प्राइमरी स्कूलों के बच्चों के मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हुए डीएलएड का पाठ्यक्रम खास तौर से डिजाइन किया गया है। इस पाठ्यक्रम के अनुसार डीएलएड के शिक्षकों को ट्रेंड किया जाता है। ऐसे में प्राइमरी स्कूलों की भर्ती में बीएड वालों को शामिल करना संविधान के अनुच्छेद 21-ए का उल्लंघन था। यही वजह है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इस नियम को अवैध ठहराया। हाई कोर्ट के फैसले और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से इनकार करने के बाद मौजूदा नियुक्ति प्रक्रिया में अब बीएड करने वालों के पास कानूनी अधिकार नहीं रह गया है।
Read moreThe Mahakumbh Mela in Prayagraj, held every 12 years, attracts global researchers to study its effective management of the world’s largest religious gathering. Universities plan to analyze aspects from economic impact to crowd and waste
Social action. Governance and financing reforms hold the key to better schools, health facilities, skilling centres and women-led
By Amanda Cooper LONDON (Reuters) – The dollar rallied, while U.S. stocks fell sharply on Friday after data showed the U.S. economy created far more jobs in December than expected, reinforcing
Chandigarh, Jan 10 (IANS): The Indian Institute of Technology Ropar in Punjab on Friday announced the launch of its ground-breaking NanoAqua Nanobubble Generator, India’s first-of-its-kind, chemical-free approach to water treatment, pond and lake
New Delhi, Jan 10 (IANS): BJP leader Gourav Vallabh on Friday said INDIA bloc is an unnatural alliance, without any common ideology and agenda, and its disbanding is on expected lines.Reacting to Jammu and Kashmir Chief Minister Omar Abdullah’s